खटीमा(उधम सिंह नगर)- सीमांत क्षेत्र खटीमा के अग्रणी न्यूज़ पोर्टल बेबाक उत्तराखंड की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है। बेबाक उत्तराखंड के द्वारा खटीमा में सरकारी तालाबों की खुदाई की आड़ में चल रहे अवैध खनन की खेल की खबर को प्रमुखता के साथ प्रसारित किया गया था।
वहीं अब जिलाधिकारी उधम सिंह नगर युगल किशोर पंत ने एसडीएम द्वारा तहसील स्तर से 200 घन मीटर की दो दिवसीय मिट्टी खनन की परमिशन पर खनन नियमों के उल्लंघन,अवैध खनन, व निर्धारित स्थान से अतिरिक्त स्थान पर मिट्टी का परिवहन किए जाने की खबरे मीडिया के माध्यम से प्रसारित होने के बाद जिले के समस्त तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी से 200 घन मीटर मिट्टी खनन की दो दिवसीय परमिशन दिए जाने के अधिकार को छीन लिया गया है।जिलाधिकारी उधम सिंह नगर ने तत्काल प्रभाव से वर्ष 2018 को जिले के समस्त उपजिलाधिकारी को 200 घन मीटर मिट्टी खनन हेतु दो दिवसीय परमिशन के लिए अधिकृत किये जाने सम्बंधित आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।साथ ही निर्देशित किया गया है कि उपजिलाधिकारी स्तर से कोई भी मिट्टी खनन की परमिशन ना दी जाए।
गौरतलब है कि मिट्टी खनन की परमिशन की आड़ में हो रहे अवैध खनन के खेल से शासन प्रशासन की छवि धूमिल होने के चलते जिलाधिकारी उधम सिंह नगर द्वारा तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी के मिट्टी खनन की परमिशन के अधिकार को समाप्त कर दिया गया है।ताकि परमिशन की आड़ में हो रहे खनन नियमो के उलंघन व अवैध खनन पर अंकुश लगाया जा सके।
हम आपको बता दें कि 26 नवंबर को जनहित पत्रकारिता को सर्वोपरि रखते हुए बेबाक उत्तराखंड न्यूज पोर्टल ने खटीमा के खेतलसंडा खाम इलाके में सरकारी तालाब खुदाई की आड़ में चल रहे अवैध खनन के खेल की खबर को प्रमुखता के साथ प्रसारित किया था।खबर के बड़े असर के रूप में जिलाधिकारी के तहसील स्तर पर खनन परमिशन पर रोक का आदेश कही ना कही सरकारी परमिशन की आड़ में चल रहे अवैध खनन के खेल पर अंकुश तो लगाएगा साथ ही खनन माफियाओं द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों व तहसील कर्मियों के साथ गठजोड़ कर जनहित के नाम पर मिट्टी खनन की परमिशन जारी करवा राजस्व को लाखो के चुना लगाए जाने के खेल में भी रोक लग सकेगी।