दुखद खबर: खटीमा के सुरई वन रेंज में बाघ के हमले मे गई ग्रामीण की जान,वन विभाग ने कड़ी मसक्कत के बाद बाघ के चंगुल से शव छुड़ाया,मृतक के परिजनों में मचा कोहराम

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खटीमा(उधम सिंह नगर)- तराई पूर्वी वन प्रभाग के खटीमा नेपाल यूपी सीमा से लगे सुरई वन रेंज में एक बार फिर बाघ के हमले में उत्तर प्रदेश निवासी व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
मृतक व्यक्ति जंगल अपनी पत्नी व दो अन्य लोगो के साथ झाड़ू बनाने हेतु सीक बीनने गया था,इसी दौरान घात लगाकर बैठे बाघ ने व्यक्ति पर हमला कर उसे अपना निवाला बना लिया।सूचना पर घटना स्थल पर पहुची सुरई वन रेंज की टीम ने बाघ के मुंह से लाश को छुड़ाने के लिए 25 राउंड फायरिंग करनी पड़ी।तब जाकर मृतक का शव बाघ के चुंगल से वन कर्मचारी छुड़ा पाए।

वन रेंजर सुरई राजेंद्र मनराल के अनुसार हरनंदन पुत्र मूलचंद ग्राम महोफ थाना हुसैनपुर न्यूरिया उम्र 52 साल अपनी पत्नी नन्नी देवी और दो अन्य लोगो के साथ खटीमा की सुरई रेंज में कक्ष संख्या 47 बी बीट पंचम में सीक बीनने आया था। लगभग 12 बजे अचानक बाघ ने हरनंदन के ऊपर हमला बोल दिया और उसे जंगल में खीच कर ले गया। उसकी पत्नी नन्ही देवी जंगल से गांव की ओर चीखती पुकारती दौड़ पड़ी और सूचना वन विभाग के वाचर जागन को दी।

बाघ के हमले की घटना से आसपास के गांव में दहशत फैल गई। वन वाचर जागन ने सूचना रेंज अधिकारी आर एस मनराल को दी जिस पर रेंजर स्वयं तत्काल डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी ,वन दरोगा अजमत खान के साथ समस्त स्टाफ सहित मौके पर पहुंचे। हरनन्दन की लाश को ढूंढने के लिए बख्तरबंद ट्रैक्टर मंगाया गया ।

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वन कर्मियों की तलाशी पर जंगल के 200 मीटर अंदर जाकर बाघ उसकी लाश के पास नजर आया । बाघ को हटाने के लिए 25 राउंड फायरिंग के बाद बमुश्किल दो घंटे बाद हरनंदन की लाश को कब्जे में लिया गया। घटना की सूचना सत्रह मील पुलिस चौकी को दी गई। पुलिस ने पंचनामा भरने की कार्यवाही कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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रेंज अधिकारी आर एस मनराल ने बताया की घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। जो भी उचित मुआवजा वन अधिनियम अनुसार होगा वह मृतक के परिजनों को दिए जाने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने ग्राम वासियों से जंगल में अकेले नहीं जाने की अपील की है। आसपास के गांव रमकोला, नबदिया, सरपुड़ा में सावधानी रखने की मुनादी कराई जा रही है। इधर हरनंदन की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।हम आपको बता दे इससे पूर्व भी कई ग्रामीण सुरई वन रेंज मे बाघ के हमले में अपनी जाने गंवा चुके है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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