टनकपुर: बच्चों की अभिव्यक्ति कार्यशाला में बच्चों ने सीखी कविता लेखन की बारीकियां,कवि बनने के लिए हुआ बच्चो का साक्षात्कार,कार्यशाला के दूसरे दिन बच्चे विभिन्न विधाओं से हुए रूबरू

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टनकपुर(चंपावत)- अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा टनकपुर पुस्तक मेला आयोजन समिति के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय बालिका इंटर कालेज टनकपुर में आयोजित बच्चों की अभिव्यक्ति कार्यशाला के दूसरे दिन बच्चों ने कविता लेखन की बारीकियां सीखी। कार्यशाला में शामिल बच्चे उदय किरौला के मार्ग दर्शन में विभिन्न विधाओं से रूबरू हुए।

कविता सत्र को संबांधित करते हुए कार्यशाला के मुख्य संयोजक तथा बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने कहा कि कविता सिखाने का विषय नहीं है। कविता मन की अभिव्यक्ति है। कविता सुख,दुख, हास्य आदि भावों का प्रकट करती है। कविता सत्र में सबसे पहले बच्चों ने अपनी पाठ्य पुस्तक की कविताएं सुनाई। बाद में बच्चों ने पूछा गया कि इसे कविता क्यों कहा जाता है। बच्चों ने बताया कि कविता में तुक, लय, भाव तथा शीर्षक होना चाहिए। बच्चों ने पहले समूह में कविता तैयार की। बाद में दिए हुए शब्दों के आधार पर बच्चों ने कविता तैयार की।

बाल कवि सम्मेलन के लिए कवियों का चुनाव होना था। बाल कवि सम्मेलन के लिए कविता, कविता का प्रस्तुतीकरण के साथ ही नृत्य भी करना था। अध्यक्ष मंडल में समृद्धि सिंह को शामिल किया गया। दूसरे सत्र में बच्चों ने नुक्कड़ नाटक की बारीकियां सीखी। इच्छुक बच्चों को नुक्कड़ नाटक टीम में शामिल किया गया। चयनित बच्चों को एक नए नाटक के लिए 10 मिनट का समय दिया गया। विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने मिलकर तुरंत ही नाटक प्रस्तुत किया। बच्चों ने नुककड़ नाटक की भी इस दौरान रिहर्सल की।

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कार्यशाला में बच्चों ने कई खेलों का आनंद लिया। ‘पिज्जा हट’ के माध्यम से जहां बच्चों ने खेल-खेल में फास्ट फूड तथा मोटे अनाज की उपयोगिता को समझा वहीं ‘कितना बड़ा पहाड’ खेल के माध्यम से बच्चों ने पर्यावरण के संदेष को समझने का प्रयास किया। ‘तोता कहता है’, ‘जैसा में कहूं’ तथा ‘नेताजी की खोज’ खेल के माध्यम से बच्चों ने खेल-खेल में कई विषयों पर अपनी समझ बढ़ाई।

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बच्चों की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। शब्द लेखन प्रतियोगिता में सीमा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में भावना बिष्ट तथा खेल प्रतियोगिता में दिव्यांशी, जिया,हिमांशु क्रमश प्रथम,द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर रहे। कार्यशाला में राजकीय बालिका इंटर कालेज, राजकीय इंटर कालेज ,राजकीय इंटर कालेज, नंदा कांवेंट, विजन पब्लिक स्कूल,विद्या मंदिर इंटर कालेज,न्यू लाईट स्कूल,जे.एन. पब्लिक स्कूल, रा.उ.मा.वि. छीनीगोठ,रा.उ.मा.वि.सैलानीगोठ, रा.उ.मा.वि.आमबाग, एमडीएम एजुकेशन एकैडमी,दयानंद पब्लिक स्कूल,महात्मा गांधी उ.प्रा.वि.टनकपुर,पैरामाउंट पब्लिक स्कूल,अल्मामैटर पब्लिक स्कूल टनकपुर सहित कुल 20 स्कूलों के 80 बच्चो ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

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पुस्तक मेला समिति के सचिव नवल तिवारी ने बताया की अभिव्यक्ति कार्यशाला का समापन 21 दिसंबर को होगा। कार्यशाला में प्रत्येक बच्चे की हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। बच्चों द्वारा तैयार हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्षनी पुस्तक मेले में लगाई जाएगी। समापन समारोह में बाल कवि सम्मेलन होगा तथा बच्चे नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन करेंगे। अंत में बाल प्रहरी कार्यशाला के सह संयोजक त्रिलोचन जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर टनकपुर एसडीएम आकाश जोशी ,विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार,नगर पालिका ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी,जीजीआईसी की प्रधानाचार्या गीता चंद,बाल प्रहरी संयोजक त्रिलोचन जोशी,अनिल चौधरी पिंकी,नवल किशोर तिवारी,जानकी खर्कवाल,सुरेश चंद्र बिष्ट,सोनिका श्रीवास्तव,केशर सिंह बिष्ट,पुष्प भट्ट,किरण गहतोड़ी,हेमा वर्मा,हेमा खर्कवाल,ज्योति चंद,सी एस शर्मा आदि उपस्थित थे।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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