प्राचीन परंपराओं को समेटे नए लुक एवं पूर्ण अनुशासन के साथ खेली जाएगी देवीधुरा की परंपरागत बग्वाल,
बगैर परिचय पत्र के कोई बग्वाली वीर नहीं खेल सकेंगे इस बार बग्वाल

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

देवीधुरा(चंपावत)- बाराही धाम में परमाणु युग में होने वाले पाषाण युद्ध बग्वाल को इस दफा पुरातन कलेवर एवं नए लुक के साथ बेहद आकर्षक तरीके से खेला जाएगा। हालांकि नवागत जिलाधिकारी के आने की प्रतीक्षा में अभी यहां मेले को लेकर प्रशासनिक बैठक नहीं हो पाई है। अलबत्ता बाराही मंदिर कमेटी एवं चार खाम एवं सात थोकों के लोगों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

मेला 27 अगस्त से 10 सितंबर तक होगा। मेले का मुख्य आकर्षण बग्वाल 31 अगस्त को होगी। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट की अध्यक्षता एवं उपाध्यक्ष हयात सिंह बिष्ट के संचालन में हुई बैठक में मेले में नए आयाम जोड़ते आ रहे मुख्य संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया ने कहा कि मेले में प्रतिवर्ष लोगों की बढ़ती हुई भीड़ एवं मेला क्षेत्र में नागरिक सुविधाओं के विस्तार को देखते हुए अब भारी भीड़ उमड़ने की संभावनाएं पैदा होती जा रही हैं। केंद्रीय सेवा में वरिष्ठ अधिकारी एवं मां बाराही के उपासक हीरा बल्लभ जोशी द्वारा वाराही धाम में मन्दिर कमेटी के सहयोग से विश्व कल्याण महायज्ञ आयोजित करने एवं धाम की वेबसाइट एवं पुस्तक लांच किए जाने से इस वर्ष देश विदेश से भी लोगों के आने की संभावनाएं हैं।

जिसे देखते हुए मेले का मुख्य आकर्षण बग्वाल को और भव्य, आकर्षक व अनुशासित रूप दिया जाना समय की आवश्यकता बन गया है। इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मेला कमेटी ने बग्वाल में शामिल होने वाले चारों खामों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, जिसमें बाकायदा प्रत्येक खाम के बग्वाली वीरों के लिए अलग-अलग रंग की पगड़ी, कुर्ता पैजामा के अलावा उन्हें खामों की ओर से परिचय पत्र भी जारी किए जाएंगे। कोई भी बग्वाल वीर नशा पान कर बग्वाल में भाग लेने का प्रयास करेगा तो उसका स्वयं खामों के लोग बहिष्कार करेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  खटीमा: डायनेस्टी मॉर्डन गुरुकुल एकेडमी छिनकी स्कूल के छात्रों ने एरीज वेधशाला नैनीताल का किया शैक्षिक भ्रमण,छात्र छात्राओं ने खगोलीय दुनिया को बेहद करीब से जान शैक्षिक भ्रमण का उठाया लाभ

दूसरे दिन मां बज्र बाराही निकलने वाली शोभायात्रा में पारंपरिक रूप से चलने वाले बैरख गांव के लोग भी नए लुक में दिखाई देंगे। तय किया गया कि बग्वाल के दिन चारों खामों के लोग परिक्रमा करने के बाद अपनी खाम के नियत स्थान में खाम का ध्वज भी लगाएंगे। इस वर्ष बाहर से आने वाले लोगों के लिए दर्शक दीर्घा भी बनाई जाएगी। इस कार्य को मंदिर कमेटी ठेके में संचालित करेगी। इससे लोगों को सुविधा एवं मंदिर कमेटी की आय में वृद्धि होगी। इस दफा देवीधुरा से हल्द्वानी एवं लोहाघाट मार्ग की ओर कई स्थानों में पार्किंग की नई व्यवस्था की जाएगी, जिससे बाहर से आने वाले लोगों को अधिक पैदल न चलना पड़े।

यह भी पढ़ें 👉  लोहाघाट: खरही गांव में चल रही श्रीकृष्ण लीला की मची हुई है धूम,श्रीकृष्ण भगवान की भक्ति से सराबोर से स्थानीय जन मानस ‌ ‌

बैठक में मेला संयोजक विनोद गड़कोटी, महामंत्री बिशन सिंह चम्याल, रोशन लमगड़िया, लाल सिंह , रमेश राणा, दान सिंह राणा, तारा चम्याल, विनोद चम्याल, जगदीश सिंघवाल, दीपक चम्याल, ग्राम प्रधान ईश्वर सिंह बिष्ट, मोहन सिंह सिंघवाल, पूर्व अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट, दीवान सिंह लमगड़िया के अलावा चम्याल खाम के प्रमुख गंगा सिंह, गहड़वाल खाम के वयोवृद्ध त्रिलोक सिंह बिष्ट, लमगड़िया खाम के युवा प्रमुख वीरेंद्र लमगड़िया, वालिक खाम के प्रमुख बद्री सिंह बिष्ट आदि ने चर्चा में भाग लिया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तर भारत के प्रमुख पूर्णागिरि धाम में वर्ष भर मेला संचालित करने की शुरू हुई प्रशासनिक पहल,टनकपुर तहसील सभागार में हुई महत्वपूर्ण बैठक,

हर खाम की पगड़ी व कुर्ते से होगी बगवाली वीरों की पहचान।

देवीधुरा। चम्याल खाम की गुलाबी पगड़ी, गुलाबी कुर्ता, गहड़वाल खाम की भगवा पगड़ी, व कुर्ता, लमगड़िया खाम की पीली पगड़ी, पीली कमीज और वालिक खाम की सफेद पगड़ी व सफेद कमीज के साथ चारों खामों के लोग सफेद पैजामा पहन कर ही बग्वाल खेलेंगे। इसके अलावा मंदिर के पुजारी की सफेद टोपी, भगवा कमीज व पीली धोती होगी।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles