लोहाघाट: एएमए की कुर्सी के दो दावेदार होने से जिला पंचायत की गिरी साख,ऐसी जिम्मेवार संस्थाओं को विवादों के घेरे में लाने के लिए आखिर कौन है जिम्मेवार ?

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

चंपावत(चंपावत)- जिले की सर्वोच्च निर्वाचित संस्था जिला पंचायत में एएमए की एक कुर्सी के दो दावेदार होने से जहां जिला पंचायत की साख पर असर पड़ रहा है, दूसरी ओर अनावश्यक विवाद की स्थिति पैदा होने से यहां के सभी कर्मचारी भी तनाव में है। दरअसल जिला पंचायत के एएमए भगवत पाटनी का यहां से बिना किसी कारण के उत्तरकाशी जिले के लिए स्थानांतरण कर दिया गया था। शासन के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए पाटनी ने न्यायालय से स्थानांतरण स्थगन आदेश प्राप्त कर वह अपना कार्य पूर्व की तरह करने लगे।

यह भी पढ़ें 👉  लोहाघाट: विकास खंड लोहाघाट के थल से रेकुवा मोटर मार्ग की प्राकृतिक आपदा से हुई बदहाली से सैकड़ो ग्रामीण परेशान,लगभग 05 किलोमीटर बदहाल मोटर मार्ग स्थानीय लोगो के लिए बना परेशानी का सबब,ग्रामीणों की गुहार की विभागीय अधिकारियों द्वारा हो रही लगातार अनदेखी

इसी दौरान शासन के पंचायती राज विभाग की ओर से नया आदेश जारी कर यहां उधम सिंह नगर से तेज सिंह को भगवत पाटनी के स्थान पर एएमए के रूप में भेज दिया गया। जबकि पाटनी न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त करने के तत्काल बात से ही यहां रुके हुए सारे कामों का निस्तारण करने लगे थे। कानूनी जानकारों का कहना है कि पाटनी को उनके स्थानांतरण आदेश पर जब हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया था तो उनके प्रतिस्थानी आने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। यदि कोई गलती से आ भी गया है तो उसे उसके मूल स्थान में भेजा जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  खटीमा: डायनेस्टी गुरुकुल की संगीत शिक्षिका रेनू उपाध्याय का दिल्ली में चल रहे उत्तराखंड आइडल के सेमीफाइनल में हुआ चयन,100 से अधिक प्रतिभागियों में शामिल हो बनाई सेमीफाइनल में जगह,देहरादून में होगा सेमीफाइनल

विभागीय कायदे कानूनों की लक्ष्मण रेखा के बाहर जाने से परहेज करने वाले पाटनी के पक्ष में जिला पंचायत का पूरा स्टाफ समर्थन में खड़ा बताया जाता है। उनका मानना है कि ऐसे तो कोई भी कर्मचारी कभी भी बलि का बकरा बन सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की परिकल्पना के अनुसार चम्पावत को मांडल जिला बनाने के लिए जहां काम करने वाले अधिकारियों की काफी जरूरत है ऐसे माहौल में जिला पंचायत जैसे महत्वपूर्ण विभाग में ऐसे समय एएमए का विवाद पैदा किया गया है जब की उत्तर भारत का प्रमुख बगवाल मेले की युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही है तथा मेला मुंह के पास आता जा रहा है। और मेले का पूरा दारौमदार जिला पंचायत के हाथ में है।

यह भी पढ़ें 👉  टनकपुर: मौसम विभाग के भारी बरसात के अलर्ट के चलते चम्पावत जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर-बनबसा के एक से बारह तक सरकारी गैर सरकारी सभी विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों में रहेगा एक दिवसीय अवकाश,जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश किए जारी,

हालांकि एएमए पाटनी मेले को भव्य बनाने की दिशा में पूरी ताकत के साथ जुटे हुए हैं। लेकिन उन्हें यह बात कचोटती आ रही है की निष्ठा से जनहित में कार्य किए जाने के बावजूद उनके साथ ऐसा क्रूर व्यवहार कौन और क्यों कर रहा है ?

Ad Ad Ad Ad Ad Ad

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles