देवीधुरा(चंपावत)- आखिरकार श्री बाराही शक्तिपीठ ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं रेलवे कॉरिडोर के डायरेक्टर हीरा बल्लभ जोशी द्वारा लंबे समय से की जा रही मशक्कत के बाद बाराही धाम में मानसखंड मंदिर मिशन माला के तहत बनने वाले भव्य व दिव्य मंदिर का मॉडल जारी कर दिया गया है इसी के साथ मंदिर के मॉडल को लेकर चली आ रही ऊहा -पोह की स्थिति का भी पटाक्षेप हो गया है। दिल्ली की एक नामी आर्किटेक्ट कंपनी के द्वारा तैयार किए गए मॉडल में सभी धार्मिक, आध्यात्मिक, वास्तु, मंदिर परिसर में स्थित पाषाण शिलाओं, भूकंप की संभावनाओं, हिमालयी क्षेत्र की वास्तुकला, कुमाऊनी शिल्प आदि का समावेश किया गया है। भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए मंदिर के गर्भगृह की ऊंचाई 22 मी० रखी गई है। 25 मीटर चौड़े और 37 मीटर लंबे क्षेत्रफल में बनने वाले मंदिर में अनादिकाल से मां बाराही की उपासना करते आ रहे, चार खाम सात थोकों एवं पड़तीदार गाओं के उपासकों के अलावा पुजारी, पुरोहितों मंदिर में आने वाले लोगों की भावनाओं व सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।
श्री जोशी के अनुसार यहां पर्यटन एवं धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में भावी संभावनाओं को देखते हुए पूर्व में पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर का जो डिजाइन तैयार किया गया था उसमें से भी कई मार्गदर्शन लिए गए हैं। मंदिर का गर्भगृह नागर शैली , मंडप पिरामिड शैली के बनेंगे तथा शिखर को मजबूती देने के लिए आधारशिला संयुक्त रखी गई है। मंदिर के अग्रभाग के दो मंजिले में बड़ा हाल होगा तथा तीन मीटर के बरामदे में नित्य पूजा पाठ करने वाले ब्राह्मणों को मौसम के अनुसार कोई दिक्कत नहीं होगी। गर्भगृह में माता का सिंहासन डोला स्थापित होगा तथा विद्वान एवं ख्याति प्राप्त संत कल्याण दास जी महाराज की परिकल्पना के अनुसार पृष्ठ मैं मां बाराही का लगभग पांच फीट ऊंचा विग्रह होगा। मंदिर में दो परिक्रमा मार्गों के अलावा पारंपरिक डोला जागरण, ध्यान, हवन तथा भोगशाला के लिए भी उचित स्थान दिया गया है। अग्रभाग में भजन कीर्तन, पूजा पाठ, स्वागत के लिए दो हाल प्रस्तावित किए गए हैं जिसके मध्य में अर्घ मंडप होगा। श्री जोशी के अनुसार उत्तर भारत में प्रस्तावित मंदिर अपनी विशिष्ट पहचान रखेगा तथा शताब्दियों तक पीढी दर पीढ़ी लोग यहां उपासना कर सकेंगे ।
मंदिर बनने से खुलेंगे बाराही धाम में धार्मिक पर्यटन के नए द्वार।
देवीधुरा। बाराही मंदिर कमेटी के संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, खाम प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट, गंगा सिंह चम्याल, बद्री सिंह बिष्ट एवं वीरेंद्र लमगड़िया, पीठाचार्य कीर्ति शास्त्री, मंदिर के ट्रस्टी नरेंद्र लड़वाल एवं दिनेश जोशी तथा मंदिर से जुड़े राज्य सेतु आयोग के अध्यक्ष राजशेखर जोशी ने ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री जोशी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने मंदिर का ऐसा प्रारूप तैयार कराया है जिसमें समाज का हर वर्ग उनके प्रयासों को सराह रहा है।