दुखद: आवारा पशु के चलते गई एक युवा की जान,सड़क पर खड़े पशु से बाइक टकराने से बुझा एक घर का इकलौता चिराग,आवारा पशुओं से हो रही दुर्घटनाओं के लिए आखिर जिम्मेदार कौन?

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खटीमा(उधम सिंह नगर)- सड़कों पर घूम रहे आवारा गोवंश पशु अब लोगों की मौत के कारण भी बनते जा रहे हैं। इनके चलते लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं।चकरपुर महतगांव इलाके में सड़क पर खड़े आवारा गौवंशीय पशु से बाइक टकराने से महत गांव निवासी 32 वर्षीय युवक की मौत हो गई।युवक की असमय मौत से मृतक युवक के घर में दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है।पूरे गांव में शोक की लहर है।

पूरे मामले के अनुसार महतगांव चकरपुर निवासी मनीष सिंह दिगारी(32) पुत्र पुष्कर सिंह दिगारी सोमवार देर शाम लगभग नौ बजे चकरपुर बाजार से अपनी बाइक से घर लौट रहा था। इसी बीच चकरपुर-बिगराबाग मार्ग पर महतगांव के पास तीव्र मोड़ पर उसकी बाइक सड़क पर खड़े लावारिश गौवंशीय पशु से टकरा गई। बाइक टकराने के बाद अनियंत्रित होकर सड़क किनारे जा गिरी। हादसे में मनीष गंभीर रूप से घायल हो गया। आसपास के लोगों ने घटना की सूचना परिजनों को दी। मौके पर पहुंचे परिजन एवं ग्रामीणों ने गंभीर रूप से घायल मनीष को नगर के एक नीजि अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर हायर सेंटर रेफर कर दिया।

परिजन युवक को गंभीर अवस्था में आनन फानन में राममूर्ति अस्पताल भोजीपुरा बरेली लेकर गए। जहां उपचार के दौरान मनीष की दुखद मृत्यु हो गई। बरेली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया। मनीष की मौत की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया और गांव में मातम छा गया।

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मृतक मनीष दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में काम करता था। जो छह माह पूर्व घर आया तो और घर से ही वर्क फॉरम होम करता था। मृतक मनीष अपने पीछे पत्नी सुनीता दिगारी व दो वर्षीय पुत्र वेदांत समेत माता-पिता को रोता बिलखता छोड़ गया है। मृतक के पिता सेना से सेवानिवृत्त है। मृतक मनीष प्रमुख राज्य आंदोलनकारी एवं पूर्व दर्जा मंत्री कैप्टन शेर सिंह दिगारी का पोता व चंपावत के जिला विकास अधिकारी(डीडीओ) दिनेश सिंह दिगारी का भतीजा है।मृतक मनीष का अंतिम संस्कार मंगलवार की शाम को बनबसा शारदा घाट में कर दिया गया है।फिलहाल बेहद मिलसार युवक की असमय मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है।

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आखिर कब तक आवारा गौवंशी पशुओं के चलते सड़क दुर्घटनाओं में लोग गंवाएंगे जान?

आवारा गौवंशी पशु आखिर कब तक सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनने रहेंगे।यह सवाल चकरपुर महतगांव निवासी युवक मनीष की असमय सड़क दुर्घटना में मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में शामिल लोगो की जुबा पर था। भले ही शासन प्रशासन में गौशाला के नाम पर करोड़ों खर्च कर दिए हो। लेकिन आज भी खटीमा के राष्ट्रीय राजमार्ग व ग्रामीण सड़कों पर रात के समय दर्जनों पशु सड़कों पर घूमते देखे जा सकते हैं। जो की रात को सड़को पर आवागमन कर रहे लोगों के सड़क दुर्घटना का भी कारण बन रहे हैं। गौवंशी पशुओं के चलते रात के समय हो रही सड़क दुर्घटनाओं में अभी तक कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं।आवारा पशु के चलते ही महतगांव निवासी पूर्व सैनिक पुष्कर सिंह दिगारी ने भी अपने इकलौते पुत्र को खो दिया।हंसते खेलते परिवार में अचानक ही मातम पसर गया। यहां पर बड़ा सवाल यह है की इन सब दुर्घटनाओं का जिम्मेदार कौन है। वह लोग जो अपने पशुओं को यूज करने के बाद सड़कों पर छोड़ देते हैं।या स्थानीय जन प्रतिनिधि ,शासन प्रशासन जो सीमांत लोगो के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुके गौवंशी पशुओं के रख रखाव का उचित प्रबंध नही कर पा रहा है।जिसके चलते आवारा पशु काल बन कर सड़को में विचरण करते देखे जा रहे है।फिलहाल यह बेहद चिंता का विषय है जिस पर गंभीरता से अब सियासतदानों को सोचने की आवश्यकता है।ताकि आगे इन आवारा पशुओं के चलते किसी के घर का चिराग ना बुझ सके।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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