खटीमा(उत्तराखंड)- उत्तराखंड में छात्र संघ चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका ने राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा चुनाव कराने में देरी को लेकर उत्तराखंड शासन में छात्र संघ चुनाव न कराए जाने के निर्णय के बाद जहां याचिका निस्तारित कर दी गई थी। सरकार के चुनाव ना कराने के फैसले से छात्र नेताओं में पूरे प्रदेश में भारी उबाल है।खटीमा महाविद्यालय में भी बीते तीन से चुनाव तिथि घोषित करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल में बैठे छात्र नेता हर्षित की सोमवार को तबियत खराब हो गई।जिस पर स्थानीय प्रशासन ने महाविद्यालय मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे छात्र नेता हर्षित सिंह “अक्की” को अनशन स्थल से जबरन उठा नागरिक चिकित्सालय में इलाज हेतु भर्ती कराया गया।साथ ही छात्र नेता हर्षित को एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने जूस पिला उनका अनशन तुड़वाया।
वही छात्र नेता हर्षित ने चार नवंबर तक प्रशासन तक छात्र संघ चुनाव को लेकर मिले आश्वासन पर कार्यवाही ना होने पर चार तारीख के बाद पुन अनशन में बैठने की प्रशासन को चेतावनी दी है।हम आपको बता दे की हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खटीमा में छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित करने की मांग को लेकर डिग्री कॉलेज के छात्र पिछले पांच दिनों से जहां अनशन पर बैठे हैं।वही तीन दिन पहले से छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर छात्र नेता हर्षित सिंह अन्न जल त्याग कर भूख हड़ताल पर चले गए थे। जिनका सोमवार को स्वास्थ्य खराब होने पर प्रशासन के द्वारा उन्हें अनशन स्थल से जबरन उठाकर खटीमा के नागरिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इस मौके पर छात्र नेता को आश्वासन दे एसडीएम खटीमा रविंद्र बिष्ट ने जूस पिलाकर उनका अनशन भी तुड़वाया। जबकि महाविद्यालय में अन्य छात्र कर्मिक अनशन पर डटे रहे।
वही भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेता का इलाज नागरिक चिकित्सालय में चल रहा है,अस्पताल में भर्ती छात्र नेता हर्षित का कहना है की कॉलेज प्रशासन द्वारा चार तारीख तक का उन्हे छात्र संघ चुनाव को लेकर आश्वाशन मिला है।अगर चार नवंबर तक चुनाव को लेकर विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा कोई स्थिति स्पष्ट नही होती है तो वह फिर से चार तारीख बाद अनशन पर बैठ जायेंगे। जबकि अन्य छात्रों ने छात्र नेता हर्षित की बातों का समर्थन कर 4 नवम्बर तक मांगे पूरी ना होने पर उनके समर्थन अन्य छात्रों के द्वारा भी भूख हड़ताल शुरू करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा है की राज्य भर के डिग्री कॉलेजों में शासन द्वारा चुनाव ना करा कर छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन किया है।