विश्व कल्याण महायज्ञ से बाराही धाम को मिली कई नई ऊंचाइयां।
लोगों को धर्म-कर्म एवं आपसी सद्भाव पैदा करने के लिए हीरा बल्लभ जोशी को मिली है प्रेरणा

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सनातन धर्म की मजबूती के लिए जरूरी है सामाजिक सद्भाव।

देवीधुरा(चंपावत)- बाराही धाम में संपन्न हुए पांच दिनी विश्वकल्याण महायज्ञ से इस धाम को काफी ऊंचाइयां मिली हैं। महायज्ञ के प्रणेता भारत सरकार में वित्त नियंत्रक एवं रेलवे कॉरिडोर के निर्देशक हीरा बल्लभ जोशी को यह प्रेरणा 1955 में श्री प्रेमी ब्रह्मचारी मौनी बाबा के इस पत्र से मिली, जिसमें उन्होंने दिल्ली में विशाल यज्ञ किया था।

मां बाराही के अटूट उपासक श्री जोशी का बचपन बेहद गरीबी के साए में बीता है, लेकिन बचपन से ही धीर-वीर, गंभीर, करुणा, दया, वात्सल्य से अभिभूत श्री जोशी के जीवन मार्ग में मां बाराही अपने आंचल से सदा छाया करती रही तथा वे उत्तरोत्तर आगे बढ़ते गए। किंतु इनमें गरीबों के प्रति करुणा एवं दया का भाव बढ़ता गया। यही वजह है कि पहाड़ के दूरदराज के सैकड़ों लोग श्री जोशी की बदौलत विभिन्न सेवाओं से जुड़कर सम्मान से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। सुदूर वारी गांव के मूल निवासी श्री जोशी के गांव में 48 वर्ष पूर्व पंडित गंगाधर भट्ट के पौरोहित्य में भी विशाल विश्व कल्याण महायज्ञ किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को धर्म-कर्म के मार्ग से जोड़कर कर उन्हें स्वान्तः सुखाय, सर्वजन हिताय की ओर ले जाना था।

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श्री जोशी ने बाराही धाम में मंदिर कमेटी एवं यहां के हर वर्ग का सहयोग प्राप्त कर जिस पावन भावना से महायज्ञ संपन्न कराया इससे क्षेत्र को बहुत बड़ा लाभ मिला है। उन्होंने मां बाराही पर लिखित पुस्तक एवं वेबसाइट तैयार कर देश विदेश के लोगों को बाराही धाम आने का मार्ग सुलभ कर दिया है।

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महायज्ञ में ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी कल्याण दास जी, स्वामी जितेंद्र नाथ आदि तमाम विद्वान संतों के चरण पड़ने से इस धाम को भव्यता व दिव्यता मिली है। श्री जोशी का इरादा यहां स्वामी कल्याणदास जी के मार्गदर्शन में नेपाल के पशुपतिनाथ की तर्ज पर भव्य मंदिर बनाने का है। समाज में छुआछूत के घोर विरोधी श्री जोशी सनातन धर्म की मजबूती के लिए समरसतापूर्ण समाज का निर्माण करने में लगे हुए हैं। आम सहमति के आधार पर वे तथा मन्दिर कमेटी के मुख्य संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया के साथ बाराही मंदिर कमेटी को वैष्णो देवी की तर्ज पर ट्रस्ट बनाने के काफी उत्सुक हैं। इसके लिए वह लोगों के बीच गहन विचार-विमर्श भी कर रहे हैं। श्री जोशी ने महायज्ञ की सफलता के लिए विद्वान संतों, पुरोहितों, आम लोगों, बाराही मंदिर कमेटी के मुख्य संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, चार खाम सात थोकों से जुड़े सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया है। उधर श्री लमगड़िया ने इस महोत्सव को सफल बनाने में अपना सहयोग देने के लिए सभी के प्रति आभार जताया है।

Deepak Fulera

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