नेशनल हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत खटीमा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वास्थ्य टीम द्वारा किए जा रहे स्वास्थ्य प्रशिक्षण, बच्चों के जन्मजात रोगों को खोज किया जा रहा उनका त्वरित निशुल्क इलाज

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खटीमा(उधम सिंह नगर)- सीमांत खटीमा इलाके में नेशनल हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत खटीमा के ब्लॉक के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वास्थ्य टीम द्वारा स्वास्थ्य प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस हेल्थ कार्यक्रम के तहत नवजात बच्चों से लेकर 18 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर उन में जन्मजात विकारों को बीमारियों का पता लगा उनका तुरंत इलाज कराए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम इस कार्यक्रम को चला रही है।इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चो को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।

मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा इस अभियान को जहां चलाया जा रहा है।भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस योजना को फरवरी 2013 में शुरू किया गया था।वही इसका मुख्य उद्देश्य बच्चो में मृत्यु दर को कम करना भी है।वर्तमान में स्वाथ्य टीम द्वारा बच्चो में 44 तरह की बीमारियों की स्क्रीनिग आरवीएमके टीम द्वारा किया जाता है।

इसी क्रम में डॉ संदीप मिश्रा द्वारा बताया गया कि विकास खंड खटीमा के नागरिक चिकित्सालय में मोबाइल स्वास्थ्य टीम कार्यरत हैं जिनके द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में विकास खंड की 302 आगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 28276 बच्चों के सापेक्ष 27913 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें से 104 बच्चे गंभीर रोगों (जैसे न्यूरल ट्यूब विकृति. डाउन सिन्ड्रोम, कटा होंठ व तालु, विकृत पाँच, कूल्हे की हड्डी का विस्थापन, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात बहरागन, जन्मजात हृदयरोग से ग्रसित पाए गए जिनकी उड्नु चिकित्सा सहायता हेतु जिला शीत्र हस्तक्षेपण केंद्र (डी ई आई सी) रुद्रपुर संदर्भित किया गया।

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इसी के साथ विकास खंड के 196 राजकीय/राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में पंजीकृत 21746 बच्चों के सापेक्ष 20674 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिनमें से 63 बच्चे गंभीर रोगों (जैसे- कान बहना, रूमैटिक हृदय रोग, दांतों का खराब होना, चेतन विकार, दृष्टि संबंधी विकार,बौनापन, बाल्यावस्था का कुष्ठ रोग, बाल्यावस्था का क्षय रोग, न्यूरो मोटर विकार, ऑटिज़म, लर्निंग डिसबिलिटी) से ग्रसित पाए गए। इनको भी उच्च चिकित्सा सहायता हेतु जिला शीघ्र हस्तक्षेपण केंद्र (डीई आई सी) रुद्रपुर संदर्भित किया गया।

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अधिकतर बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा जिला शीघ्र हस्तक्षेषण केंद्र (डी ई आई सी) रुद्रपुर में ही प्राप्त हो रही है किन्तु हृदय रोगों से ग्रसित बच्चों को मेडीट्रीना अस्पताल देहरादून से, बहरेपन के इलाज के लिए मेहरोत्रा ईएनटी अस्पताल कानपुर, श्री राममूर्ति स्मारक अस्पताल भोजीपुरा, जन्मजात विकृति के लिए एम्स ऋषिकेश एवं हिमालयन अस्पताल देहरादून संदर्भित किया जा रहा है जहां उनको निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो रही है। वर्तमान में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 44 तरह की बीमारियों की स्क्रीनिंग आरवीएमके की टीम द्वारा किया जाता है।

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एक टीम में दो आयुध चिकित्सक (एक पुरुष, एक महिला), एक नर्म. एक फार्मेसिस्ट सम्मिलित होते हैं, जिनके द्वारा न्युरल ट्यूब आंच, डाउन सिन्ड्रोम, कटा होठ व तालु, विकृत पाँव, कूल्हे की हड्डी का विस्थापन, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात बहरापन, जन्मजात हृदयरोग, समय में पूर्व पैदा बच्चों की आँख के परदे में कमी, गंभीर रक्त की कमी, विटामिन ए की कमी, विटामिन डी की कमी, पेंघा, चर्म रोग, कान बहना, रूमैटिक हृदय रोग, दांतों का खराब होना, चेतन विकार, दृष्टि संबंधी विकार, गंभीर बौनापन, बाल्यावस्था का कुष्ठ रोग, बाल्यावस्था का क्षय रोग, न्यूरो मोटर विकार, ऑटिज़म, लर्निंग डिसबिलिटी, इत्यादि ऐसे 44 बीमारियों को इसमे सम्मिलित कर टीम द्वारा इनका निशुल्क इलाज कराया जा रहा है। अधिक जानकारी हेतु नागरिक चिकित्सालय खटीमा के कक्ष संख्या 148 में आकर चिकित्सकों से भेंट कर उपरोक्त बीमारियों से ग्रसित बच्चों को किसी भी कार्यदिवस पर दिखाया भी जा सकता है।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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