लोहाघाट: पी जी कॉलेज लोहाघाट में एक दिवसीय एक्युप्रेशर, योग, आध्यात्म सेमिनार का हुआ आयोजन,विशिष्ट अथिति के रूप में तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त शाम्भवी मुरारी ने की शिरकत

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लोहाघाट(उत्तराखंड)- स्वामी विवेकानन्द राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लोहाघाट में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय सेमीनार एक्यूप्रेशर, योगा, एवं आध्यात्म का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव – राजनैतिक दर्शन के संदर्भ में आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्र छात्राओं द्वारा अथितियों का स्वागत व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।अमित तिवारी एवं राजनीति विज्ञान के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना की गई।अथितियों को पुष्पगुच्छ भेंट,बैच अलंकरण, प्रतीक चिन्ह, शाल ओढ़ाकर राजनीति विज्ञान के छात्रों द्वारा सम्मानित किया।

सेमीनार में मुख्य अथितियों डॉ. प्रीती श्रीवास्तव, एक्यूप्रेशर, रीसर्च एंड ट्रेनिंग इन्स्टिटूट, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश ने एक्यूप्रेशर ज्ञानी ऋषि-मुनियों द्वारा खोजी गई एक प्राचीन चिकित्सा है और अध्यात्म विज्ञान पर आधारित होने के कारण इसका बहुत महत्व है। वर्तमान कलियुग (संघर्ष का युग) में, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कष्टों के अलावा, हर कोई अलग-अलग अनुपात में आध्यात्मिक कष्ट से पीड़ित है। व्यक्ति क्रमशः मध्यम और हल्के स्पर्श से शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कष्टों को दूर कर सकता है, और प्रार्थना, जप, ध्यान आदि द्वारा अर्जित आध्यात्मिक शक्ति के आधार पर एक्यूप्रेशर थेरेपी (बिना छुए) के माध्यम से आध्यात्मिक कष्टों को कम कर सकता है। इस विधि में, एक्यूप्रेशर बिंदु एक के अनुरूप होते हैं। विशिष्ट अंग को दबाया जाता है और संबंधित अंग को उत्तेजित किया जाता है। एक बिंदु के सक्रिय होने से ऊर्जा के प्रवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।

वही विशिष्ट अथिति तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त शाम्भवी मुरारी ने कहा की योग, प्राचीन भारत से उत्पन्न केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है बल्कि एक समग्र अभ्यास है। इसकी मदद से हम मन और आत्मा को शांति की ओर ले जा सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.संगीता गुप्ता द्वारा कि गई उन्होने कहा की अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि देश में युवाओं की जनसंख्या सबसे अधिक है और उन्हें स्वास्थ्य शरीर से स्वस्थ मन को विकसित करने की अत्यंत आवश्यकता है जिसमें युवा एक्यूप्रेशर, योग एवं अध्यात्म को आत्मसात करके भारत देश को विश्व गुरु बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है l सेमीनार के आयोजक डॉ. प्रकाश लखेड़ा, विभागाध्यक्ष,
डॉ रुचिर जोशी उन्होंने कहा कि हमारे महान ऋषि मुनियों ने ऐसी विधाएं आज की पीढ़ी के लिए विरासत के रूप में दी है जिस व्यक्ति स्वयं अपना उपचार कर सकता है। उन्होंने इस विधा को वैश्विक स्तर पर स्थान दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों की मुक्त कंठ से सराहना की।

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छात्र अमित तिवारी ने कहा हम हम प्राकृतिक साधनों के जरिए न केवल अपने को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि अंग्रेजी दावों के अंग्रेजी दावों के घातक परिणामों से भी अपने को बचा सकते हैं। विक्रम का संचालन प्रियंका चंद एवं मुकेश कुमार ने किया। अवसर पर शुधांशु लोहानी, ए के पांडेय, देवेश जोशी, अमित कुमार,श्रउदय राज वर्मा, शिव कुमारी, बीना बिष्ट, सतीश गुप्ता, कविता गुप्ता, मितिलेश कुमार, चंद्रा जोशी, प्रियंका बगौली,माया चौबे, दीक्षा राय, आदि लोग शामिल थे।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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